एब्स्ट्रैक्ट:फेसबुक इंस्टाग्राम, व्हाट्सऐप और मैसेन्जर पर अपनी मेसेज सेवा को एक साथ लाने के बारे में विचार कर रहा
फेसबुक इंस्टाग्राम, व्हाट्सऐप और मैसेन्जर पर अपनी मेसेज सेवा को एक साथ लाने के बारे में विचार कर रहा है.
ये तीनों सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म अलग-अलग मोबाइल ऐप के रूप में काम करते रहेंगे, लेकिन इन तीनों को इस तरह से जोड़ दिया जाएगा कि एक प्लेटफॉर्म से दूसरे पर मैसेज आसानी से भेजा जा सके.
फ़ेसबुक ने बीबीसी को बताया है कि ये एक “लंबी प्रक्रिया” की शुरुआत है.
फ़ेसबुक की इस योजना के बारे में सबसे पहले न्यूयॉर्क टाइम्स ने ख़बर दी थी और माना ये जा रहा था कि इस योजना में कंपनी के संस्थापक मार्क ज़करबर्ग की दिलचस्पी है.
अगर ये योजना सफल हो पाई तो फेसबुक पर मौजूद कोई व्यक्ति किसी दूसरे के व्हाट्सऐप पर संदेश भेज सकेगा. फिलहाल ऐसा करना नामुमकिन है क्योंकि ये तीनों ऐप अलग-अलग काम करते हैं और इनकी कोई साझा ज़मीन नहीं है.
न्यूयॉर्क टाइम्स की ख़बर के अनुसार इन तीनों को साथ में लाने का काम शुरु किया जा चुका है और उम्मीद की जा रही है कि इस साल के आख़िर तक या फिर 2020 की शुरुआत में इसे पूरा कर लिया जाएगा.
बताया जा रहा है कि मार्क ज़करबर्ग इन तीनों को साथ में इसलिए लाना चाहते हैं क्योंकि लोगों के लिए इनकी उपयोगिता बढ़े और इन प्लेटफॉर्म पर लोग अपना अधिक वक्त गुज़ार सकें.
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योजना क्या है और कितनी अहमहै
टेक वेबसाइट द वर्ज की मकेना केली के अनुसार अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर मौजूद अपने सभी यूज़र्स को एक साथ लाने से कंपनी के कुल यूज़र्स का आंकड़ा तो बढ़ेगा ही, साथ ही गूगल और ऐप्पल की मैसेज सेवा से मुकाबला करने की उसकी तैयारी भी बेहतर होगी.
एक बयान में फेसबुक ने कहा है, हम मैसेज सेवा में यूज़र्स को बेहतर अनुभव देना चाहते हैं ताकि लोग जल्दी, सरलता के साथ और अपनी निजता बनाए रखते हुए एक-दूसरे से संपर्क कर सकें."
कंपनी का कहना है, हम अपनी मैसेज सेवाओं में एन्ड-टू-एन्ड एन्क्रिप्शन भी ला रहे हैं और कोशिश कर रहे हैं कि लोग अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर अपने दोस्तों और रिश्तेदारों से संपर्क में रह सकें. "
कंपनी का कहना है कि ये व्यवस्था किस तरह काम करेगी इसे लेकर “चर्चा और बहस” का दौर अभी जारी है.
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इन तीनों सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को आपस में जोड़ना फ़ेसबुक के लिए अपने आप में बड़ा बदलाव है क्योंकि अब तक कंपनी ने इंस्टाग्राम और व्हाट्सऐप को अपने-अपने यूज़र्स के लिए स्वतंत्र रूप से काम करने दिया है.
न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार ज़करबर्ग के इस फ़ैसले से कंपनी के भीतर एक “तनाव की स्थिति” बन गई है. बीते साल इंस्टाग्राम और व्हाट्सऐप के संस्थापकों के कंपनी छोड़ने के पीछे यही वजह थी.
ये योजना ऐसे वक्त सामने आई है जब फ़ेसबुक की अपने यूज़र्स का डेटा इस्तेमाल करने और उसकी रक्षा करने को लेकर आलोचना हुई है और इस संबंध में जांच भी चल रही है.
लेकिन, मोटे तौर पर देखें तो यूज़र्स के डेटा को आपस में जोड़ने की योजना को लेकर नियामक एक बार फिर ये सवाल उठा सकते हैं कि कंपनी अपने यूज़र्स की निजता किस प्रकार बनाए रखती है.
ब्रिटेन के सूचना आयुक्त पहले इसकी जांच कर रहे हैं कि व्हाट्सएप और फ़ेसबुक अपने यूज़र्स का कितना डेटा आपस में साझा करते हैं.
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