एब्स्ट्रैक्ट:इमेज कॉपीरइटCHIRANTANA BHATTमुंबई की नेशनल गैलरी ऑफ़ मॉर्डन ऑर्ट में एक प्रदर्शनी के उद्घाटन के दौरा
इमेज कॉपीरइटCHIRANTANA BHATT
मुंबई की नेशनल गैलरी ऑफ़ मॉर्डन ऑर्ट में एक प्रदर्शनी के उद्घाटन के दौरान मशहूर अभिनेता और निर्देशक अमोल पालेकर के भाषण को बार-बार रोका गया.
शुक्रवार शाम कलाकार प्रभाकर बर्वे की याद में आयोजित प्रदर्शनी 'इंसाइड द एंपटी बॉक्स' के उद्घाटन के दौरान पालेकर अपना भाषण दे रहे थे. इस दौरान नेशनल गैलरी ऑफ़ मॉर्डन ऑर्ट के कई सदस्यों ने उन्हें बीच-बीच में टोका.
सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में पालेकर गैलरी के बैंगलुरू और मुंबई केंद्र में कलाकारों की सलाहकार समितियों को भंग करने के मुद्दे पर भारत के सांस्कृति मंत्रलाय की आलोचना कर रहे हैं.
अपने संबोधन में पालेकर ने कहा, आपमें से बहुत से लोगों को शायद ये पता न हो कि ये अंतिम शो होगा जिसे स्थानीय कलाकारों की सलाहकार समिति ने तय किया है न कि मोरल पुलिसिंग या किसी खास तरह की विचारधारा को बढ़ावा देने वाले सरकारी एजेंटे या सरकारी बाबुओं ने."
पालेकर ने कहा, जहां तक मुझे पता है दोनों ही क्षेत्रीय केंद्रों मुंबई और बैंगलुरू में 13 नवंबर 2018 तक कलाकारों की सलाहकार समितियों को भंग कर दिया गया है."
उन्होंने ये भी कहा कि जो उन्होंने सुना है वो उसकी पुष्टि करने की प्रक्रिया में हैं.
इमेज कॉपीरइटngmaindia.gov.i
पालेकर जब ये बात कर रहे थे तब एनजीएमए की मुंबई केंद्र की निदेशक अनिता रूपावतरम ने उन्हें टोकते हुए कहा कि वो अपनी बात को आयोजन तक ही सीमित रखें.
इसके जबाव में पालेकर ने कहा, मैं इसी बारे में बात करने जा रहा हूं, क्या आप उस पर भी सेंसरशिप लागू कर रही हैं?"
हालांकि पालेकर ने अपनी बात नहीं रोकी और बोलना जारी रखा. उन्होंने कहा, जहां तक उन्हें जानकारी है, स्थानीय कलाकारों की सलाहकार समितियों के भंग किए जाने के बाद दिल्ली में सांस्कृतिक मंत्रालय ये तय करेगा कि किस कलाकर की कला का प्रदर्शन किया जाए और किसका नहीं."
छोड़िए ट्विटर पोस्ट @AnnuTandonUnnao
Just got this video of one of my favourite actors, Amol Palekar, being cut off while ruing the loss of independence in art at @mumbai_ngma simply because he seemed critical of a Ministry of Culture/NGMA decision.
This is what #intolerance in the present times is all about. Sad! pic.twitter.com/u8L30qeiz7
— Annu Tandon (@AnnuTandonUnnao) 9 फ़रवरी 2019
पोस्ट ट्विटर समाप्त @AnnuTandonUnnao
पालेकर ये बात कह ही रहे थे कि उन्हें एक बार फिर टोकते हुए एक महिला सदस्य ने कहा, अभी इसकी ज़रूरत नहीं है, माफ़ कीजिए, ये आयोजन प्रभाकर बर्वे के बारे में हैं, कृपया उन्हीं पर बात कीजिए."
पालेकर ने कहा, ये जो सेंसरशिप है, जो हमने अभी यहीं देखी. कहा जा रहा है कि ये मत बोलो, वो मत बोलो, ये मत खाओ, वो मत खाओ."
मैं सिर्फ़ ये कह रहा हूं कि एनजीएमए, जो कि कला की अभिव्यक्ति और विविध कला को देखने का पवित्र स्थल है, उस पर ये नियंत्रण, जैसा कि किसी ने हाल ही में कहा है, मानवता के ख़िलाफ़ जो युद्ध चल रहा है उसकी सबसे ताज़ा त्रासदी है."
इमेज कॉपीरइटGetty Image
मैं इससे बहुत परेशान हूं, और अब तो और ज़्यादा परेशान हूं. ये सब कहां जाकर रुकेगा. आज़ादी का ये सागर सिमट रहा है, धीरे-धीरे लेकिन लगातार... हम इसे लेकर ख़ामोश क्यों हैं? और भी आश्चर्यजनक ये है कि जिन लोगों को इस इकतरफ़ा आदेश के बारे में पता है वो न इसके बारे में खुलकर बात करते हैं, न इस पर सवाल करते हैं और न ही इसका विरोध करते हैं."
हालांकि बार-बार टोके जाने के बावजूद पालेकर बोलते रहे. उन्होंने कहा कि हाल ही में अभिनेत्री नयनतारा सहगल को एक मराठी साहित्य सम्मेलन में आने से अंतिम समय पर मना कर दिया गया था क्योंकि वो जो बोलने वाली थीं वो आज जिस परिस्थिति में हम रह रहे हैं उसकी आलोचना में था. पालेकर ने कहा कि क्या हम यहां भी ऐसी ही परिस्थिति बना रहे हैं.