एब्स्ट्रैक्ट:इमेज कॉपीरइटBoeingनागर विमान मंत्रालय ने भारतीय हवाई क्षेत्र में बोइंग 737 मैक्स के प्रवेश पर भी पाब
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नागर विमान मंत्रालय ने भारतीय हवाई क्षेत्र में बोइंग 737 मैक्स के प्रवेश पर भी पाबंदी लगा दी है.
मंत्रालय ने ट्वीट कर कहा है कि आज शाम 4 बजे के बाद भारतीय हवाई क्षेत्र में किसी भी बोइंग 737 मैक्स मॉडल को प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी."
इससे पहले मंत्रालय ने यात्रियों की सुरक्षा के लिए देश से उड़ान भरने वाले सभी बोइंग 737 मैक्स विमानों पर रोक लगा दी थी.
छोड़िए ट्विटर पोस्ट @MoCA_GoI
Additionally no B737 Max aircraft will be allowed to enter or transit Indian airspace effective 1600hrs IST or 1030 UTC. The time line is to cater to situations where aircraft can be positioned at maintenance facilities & international flights can reach their destinations.(2/2)
— Ministry of Civil Aviation (@MoCA_GoI) 13 मार्च 2019
पोस्ट ट्विटर समाप्त @MoCA_GoI
अब मंत्रालय ने न सिर्फ़ देश के भीतर उड़ान भरने और विदेश से आने वाली बोइंग 737 मैक्स विमानों पर रोक लगाई है, बल्कि भारतीय वायु क्षेत्र से होकर एक देश से दूसरे देश जा रहे विमानों के प्रवेश पर भी रोक लगा दी है.
इथियोपियन एयरलाइन्स के विमान के हादसे का शिकार होने के बाद ब्रिटेन, चीन और कई अन्य देशों ने बोइंग 737 मैक्स को प्रतिबंधित कर दिया था.
रविवार को हुए इस हादसे में 157 लोगों की जान गई थी. यह पांच महीने के अंदर 737 मैक्स 8 मॉडल से जुड़ा दूसरा विमान हादसा था.
इससे इतर अमरीकी अधिकारियों का कहना है कि यह विमान सुरक्षित है.
हालांकि, यूएस एसोसिएशन ऑफ़ अटेंडेंट्स-CWA यूनियन ने संघीय उड्डयन प्रशासन से अपील की है कि सावधानी बरतते हुए अमरीका में 737 मैक्स विमानों की उड़ानों को अस्थायी रूप से रोक दिया जाए.
क्यों उठाए जा रहे ये क़दम
डीजीसीए ने बोइंग 737 मैक्स विमानों को यह कहते हुए तुरंत प्रतिबंधित करने का फ़ैसला किया है कि जब तक कि सुरक्षित उड़ानों के लिए उचित क़दम नहीं उठाए जाते और ज़रूरी सुधार नहीं किए जाते, तब तक विमानों को उड़ाया नहीं जाएगा.
यूरोपीय संघ एविएशन सेफ़्टी एजेंसी ने भी इसी तरह का फ़ैसला लिया है और कहा है कि उसने सावधानी बरतते हुए विमान पर रोक लगाई है.
दरअसल, बीते रविवार को इथियोपिया की राजधानी अदीस अबाबा से केन्या की राजधानी नैरोबी के लिए उड़ान भर रहा बोइंग 737 मैक्स विमान दुर्घटना का शिकार हो गया था.
उड़ने के कुछ देर बाद ही विमान क्रैश हो गया.
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पिछले साल अक्टूबर में लायन एयरलाइंस का बोइंग मैक्स विमान भी जकार्ता से उड़ान भरने के कुछ ही देर बाद हादसे का शिकार हो गया था और 189 लोगों की जान चली गई थी.
लायन एयरलाइंस ने इस विमान को हादसे से तीन महीने पहले ही अपने बेड़े में शामिल किया था.
बोइंग 737 मैक्स-8 का कमर्शियल इस्तेमाल 2017 में ही शुरू हुआ था और सुरक्षा को लेकर कंपनी ने बड़े-बड़े दावे भी किए थे.
कंपनी यह दावा करती है कि इसमें लेटेस्ट टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया है, जो अपने यात्रियों को बेहतर सफ़र का अनुभव कराता है और लंबी दूरी तय कर सकता है.
यह विमान छोटे शहरों को दुनिया के बड़े शहरों से सीधे जोड़ सकता है. बिना कनेक्टिंग फ्लाइट के यह एक महाद्वीप से दूसरे महाद्वीप और अटलांटिक महासागर को पार कर सकता है.
भारत में कौन करता थाइसका इस्तेमाल
बोइंग 737 मैक्स मॉडल का इस्तेमाल भारत की दो विमानन कंपनियां करती हैं. स्पाइस जेट और जेट एयरवेज़.
स्पाइस जेट 737 मैक्स 8 का इस्तेमाल करती है और हर साल ईंधन ख़र्च में 15 लाख डॉलर की बचत करने का अनुमान लगाया था.
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बोइंग 737 मैक्स फैमिली
बोइंग की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक़, 737 मैक्स फैमिली में चार मॉडल शामिल हैं. इनके बीच सीटों, लंबाई और दूरी तय करने की क्षमता का अंतर है.
737 मैक्स 7
737 मैक्स 8
737 मैक्स 9
737 मैक्स 10
737 मैक्स 7 में 172 सीटें होती हैं. वहीं, 737 मैक्स 10 में 230 सीटें होती हैं. 737 मैक्स 7 अन्य मॉडल के मुक़ाबले ज़्यादा दूरी तय कर सकता है. यह 7130 किलोमीटर की यात्रा कर सकता है.
इमेज कॉपीरइटBoeing5 हज़ार से ज़्यादा ऑर्डर हैं
दुनियाभर के 100 से ज़्यादा एयरलाइंस ने पांच हज़ार से ज़्यादा विमानों की मांग की है. पहली बार साल 1967 में कंपनी ने 737 मॉडल को उतारा था. 737 मैक्स इस मॉडल सीरीज़ की चौथी जेनरेशन का विमान है.
साल 2017 में 737 मैक्स 7 ने पहली बार उड़ान भरी थी. इंडोनेशिया के लायन एयर ने इसे पहली बार व्यावसायिक तौर पर इस्तेमाल किया था.
इस साल 737 मैक्स 8 और 9 कमर्शियल सर्विस में शामिल हुए थे. वहीं, कंपनी की योजना है कि अगले साल तक 737 मैक्स 10 को कमर्शियल उड़ान के लिए इस्तेमाल किया जा सके.
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इमेज कॉपीरइटBoeingसबसे ज़्यादा बिकने वाला विमान
बोइंग 737 मैक्स को बिज़नेस की नज़र से कंपनियां फ़ायदेमंद समझती हैं. यह कम चौड़ा विमान है, जिस पर एक सीट की लागत अन्य विमानों के मुकाबले कम आती है.
यह कम ईंधन भी खाता है. 737 सीरीज़ में 737 मैक्स में ऑटोमैटिक सेफ़्टी सिस्टम का इस्तेमाल किया गया है.
बोइंग के इतिहास में इस मॉडल की बिक्री सबसे तेज़ हुई है.
जकार्ता स्थित एविएशन एक्सपर्ट गैरी सोयजेटमैन ने बीबीसी को बताया कि पिछले मॉडल की तुलना में 737 मैक्स का इंजन थोड़ा आगे है और विंग्स के मुक़ाबले इसकी ऊंचाई कुछ अधिक है. इससे विमान का संतुलन प्रभावित होता है.