एब्स्ट्रैक्ट:इमेज कॉपीरइटGetty Imagesइंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक़ साल 1993-94 के बाद से पहली बार काम क
इमेज कॉपीरइटGetty Images
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक़ साल 1993-94 के बाद से पहली बार काम करने वाले पुरुषों की संख्या में गिरावट आई है. अख़बार लिखता है कि साल 2011-12 में काम करने वाले पुरुषों की संख्या 30. 4 करोड़ थी जो साल 2017-18 में गिरकर 28.6 करोड़ हो गई है.
ये आंकड़े नेशनल सैंपल सर्वे ऑफ़िस (NSSO) के हैं जिन्हें जारी किया जाना अभी बाकी है. नौकरियों में ये गिरावट गांवों और शहरों दोनों में दर्ज की गई है.
ग्रामीण भारत में ये गिरावट 6.4% है जबकि शहरी भारत में नौकरियों में 4.7% की गिरावट आई है.
इमेज कॉपीरइटIndian Express/NSSO
एनएसएसओ के आंकड़ों का विश्लेषण करें तो पाएंगे कि साल 2017-18 में गांवों में कुल 4.3 करोड़ नौकरियां कम हुईं हैं जबकि शहरों में 0.4 करोड़ नौकरियां कम हुई हैं.
सिर्फ़ पुरुषों के ही नहीं बल्कि महिलाओं की नौकरियों में भी कमी आई है.
ग्रामीण इलाकों में महिलाओं के रोजगार में 68% की कमी आई है वहीं शहरों में पुरुषों के रोजगार में 96% की गिरावट दर्ज की गई.
ये भी पढ़ें: रोजगार के आंकड़ों पर मचे घमासान का मतलब जानिए
इमेज कॉपीरइटPTI
कश्मीर के इरफ़ान रमज़ान शेख़ को सिर्फ़ 15 साल की उम्र में शौर्य चक्र से सम्मानित होने का गौरव मिला है. अशोक चक्र शांति काल में दिया जाना वाला वीरता का तीसरा सर्वोच्च सम्मान है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक़ दसवीं कक्षा के छात्र इरफ़ान शौर्य चक्र पाने वाले पहले कश्मीरी किशोर हैं. भारतीय राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंगलवार को राष्ट्रपति भवन में तमाम ख़ास मेहमानों की मौजूदगी में इरफ़ान को शौर्य चक्र से सम्मानित किया.
इरफ़ान को शौर्य चक्र के लिए चुने जाने की कहानी रोंगटे खड़े कर देती है. अक्टूबर 2017 में यानी तक़रीबन दो साल पहले दक्षिणी कश्मीर के शोपियां जिले में रहने वाले इरफ़ान के घर में तीन चरमपंथी घुस आए और उन्होंने इरफ़ान के पिता को गोली मार दी .
इमेज कॉपीराइट @rashtrapatibhvn@rashtrapatibhvn
इमेज कॉपीराइट @rashtrapatibhvn@rashtrapatibhvn
इसके बाद इरफ़ान अपने परिवार के बाकी सदस्यों के साथ मिलकर बड़ी ही बहादुरी से तीनों चरमपंथियों से भिड़ गए. उन्होंने बहादुरी से चरमपंथियों का मुकाबला करना जारी रखा और आख़िरकार इस संघर्ष में एक चरमपंथी मारा गया. अपने एक साथी के मारे जाने के बाद बाकी दो चरमपंथी वहां से भाग खड़े हुए.
इरफ़ान के पिता की गोली लगने के बाद मौत हो गई लेकिन उन्होंने अपने भाई-बहनों और मां को बचा लिया. उस वक़्त इरफ़ान मुश्किल से 13 साल के थे.
इमेज कॉपीराइट @ANI@ANI
इमेज कॉपीराइट @ANI@ANI
राष्ट्रपति भवन के ट्विटर हैंडल से भी इरफ़ान की तस्वीर ट्वीट की गई और लिखा गया है, “राष्ट्रपति कोविंद ने इरफ़ान रमज़ान शेख़ को शौर्य चक्र से सम्मानित किया. उन्होंने चरमपंथियों से लड़ते हुए बहादुरी और सूझबूझ का प्रदर्शन किया.”
ये भी पढ़ें: 'कश्मीरी पंडितों की घर वापसी होनी चाहिए'
इमेज कॉपीरइटReutersImage caption हिज़बुल मुजाहिदीन कमांडर सैयद सलाहुद्दीन
हिज़बुल कमांडर पर ईडी का शिकंज़ा
दैनिक जागरण में ख़बर है कि भारतीय प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कश्मीर घाटी के अलग-अलग हिस्सों से प्रतिबंधित चरमपंथी हिज़बुल मुजाहिदीन के प्रमुख सैय्यद सलाहुद्दीन 1 करोड़ 22 लाख की 13 संपत्तियां ज़ब्त करने का आदेश दिया है.
ये संपत्तियां हिज़बुल के लिए कथित तौर पर काम करने वाले बांदीपुरा से ताल्लुक रखने वाले मोहम्मद शफ़ी शाह और जम्मू-कश्मीर के छह और लोगों से जुड़ी हैं.
यह कार्रवाई प्रिवेंशन ऑफ़ मनी लॉन्ड्रिंग ऐक्ट के तहत कश्मीर घाटी में चरमपंथी और अलगाववादी संगठनों की फ़ंडिंग रोकने के मद्देनज़र की गई है.
प्रवर्तन निदेशालय ने अपने एक बयान में कहा, “कश्मीर में सबसे ज़्यादा सक्रिय आतंकी संगठन हिज़बुल मुजाहिदीन, पाकिस्तान के रावलपिंडी में रहने वाले इसके प्रमुख कमांडर सैयद सलाहुद्दीन जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद और अलगाववादी गतिविधियों की फ़ंडिंग के लिए ज़िम्मेदार है.”
ये भी पढ़ें:काले बंदर की ‘दैवीय प्रेरणा’ से खुला राम जन्मभूमि का ताला!
इमेज कॉपीरइटAntique Spire Motion Pictures/You Tube grabImage caption फ़िल्म राम जन्मभूमि के ट्रेलर की एक झलक फ़िल्म 'राम जन्मभूमि' पर फ़तवे, रोक की मांग
जनसत्ताकी एंकर स्टोरी के अनुसार आगामी 29 मार्च को रिलीज़ होने वाली फ़िल्म 'राम जन्मभूमि' को लेकर विवाद हो गया है.
ऑल इंडिया उलेमा बोर्ड की मध्य प्रदेश इकाई ने इस फ़िल्म पर दो फ़तवे जारी किए. इसके साथ ही बोर्ड ने मध्य प्रदेश और केंद्र सरकार से फ़िल्म की रिलीज़ पर रोक लगाने की मांग की है.
बोर्ड ने फ़िल्म की हिरोइन नाजनीन पाटनी के ख़िलाफ़ भी फ़तवा जारी किया है. बोर्ड का आरोप है कि यह फ़िल्म न सिर्फ़ दो समुदायों के बीच नफ़रत पैदा करने वाली है बल्कि इसमें शरीयत के साथ भी खिलवाड़ किया गया है.
ऑल इंडिया उलेमा बोर्ड के उपाध्यक्ष (मध्य) नूर उल्लाह यूसुफ़ जई का आरोप है कि 'राम जन्मभूमि' में तीन तलाक को ग़लत तरीके से पेश करके मुसलमान समुदाय की भावनाओं को आहत करने की कोशिश की गई है.
'राम जन्मभूमि' के प्रोड्यूसर उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक्फ़ बोर्ड के अध्यक्ष सैय्यद वसीम रिज़्वी ने किया है. फ़िल्म का निर्देशन सनोज मिश्रा ने किया है. फ़िल्म की कहानी भी वसीम रिज़्वी ने लिखी है.
ये भी पढ़ें: मुझ पर चुनाव लड़ने का भारी दबाव है: रॉबर्ट वाड्रा
इमेज कॉपीरइटGetty Imagesवाड्रा को हिरासत में लेना ज़रूरी: प्रवर्तन निदेशालय
भारतीय प्रवर्तन निदेशालय ने कहा है कि रॉबर्ट वाड्रा को हिरासत में लिया जाना चाहिए. ईडी ने कहा है कि वाड्रा जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं इसलिए उन्हें हिरासत में लिया जाना ज़रूरी है.
ईडी ने कहा कि रॉबर्ट वाड्रा प्रभावशाली व्यक्ति हैं और ज़मानत मिलने पर सबूतों से छेड़छाड़ कर सकते हैं. इसके बाद पटियाला हाउस की विशेष अदालत ने वाड्रा से कहा है कि जब भी ईडी उन्हें पूछताछ के लिए बुलाए, उन्हें जाना होगा.
इसके साथ ही अदालत ने वाड्रा की गिरफ़्तारी से अंतरिम राहत की अवधि 25 मार्च तक बढ़ा दी है. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के पति और कारोबारी रॉबर्ट वाड्रा की विदेश में संदिग्ध संपत्ति के सिलसिले में जांच चल रही है.
इस ख़बर को भी कई अख़बारों ने प्रमुखता से छापा है.
ये भी पढ़ें: वो कश्मीरी, जिनके घर एनकाउंटर में तबाह हो गए