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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषणों और बीजेपी समर्थित सामग्री को प्रसारित करने वाले नमो टीवी चैनल को लेकर चुनाव आयोग ने दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को आदेश जारी किए हैं.
चुनाव आयोग ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी को आदेश दिया है कि बिना प्रमाणित किसी भी चुनावी सामग्री को प्रसारित न किया जाए. चुनाव आयोग का कहना है कि मीडिया सर्टिफ़िकेशन एंड मॉनिटरिंग कमिटी (एमसीएमसी) से प्रमाणित सामग्री को ही नमो टीवी पर प्रसारित किया जाए.
दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को लिखे पत्र में चुनाव आयोग ने कहा है, “आपने इस बात की पुष्टि की है कि नमो टीवी/कंटेंट टीवी पर चलने वाली सामग्री बिना आपकी एमसीएमसी कमिटी की मंज़ूरी के प्रसारित हो रही है.”
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इसके बाद चुनाव आयोग ने कहा है कि नमो टीवी एक राजनीतिक पार्टी द्वारा प्रायोजित है और इस पर दिखाई जा रही राजनीतिक सामग्री के सभी रिकॉर्डेड कार्यक्रम और राजनीतिक विज्ञापनों की मंज़ूरी लेना ज़रूरी है.
साथ ही आयोग ने कहा है कि दिखाई जा रही ऐसी राजनीतिक प्रचार की सामग्री जिसकी अनुमति नहीं ली गई है, उस पर तुरंत रोक लगा दी जाए और किसी भी तरह की राजनीतिक सामग्री को उसके निर्देशों के अनुसार ही अनुमति दी जाए.
कब शुरू हुआ नमो टीवी
बीजेपी नेताओं का कहना था कि नमो टीवी नमो ऐप का हिस्सा है लेकिन बाद में 28 मार्च के बाद यह डीटीएच प्लेटफ़ॉर्म पर दिखाया जाने लगा.
हालांकि, बाद में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने चुनाव आयोग से नमो टीवी की शिकायत की. दोनों पार्टियों का कहना था कि यह चैनल आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है क्योंकि आम चुनाव की घोषणा के बाद यह चैनल अस्तित्व में आया.
वहीं, डीटीएच पर सर्विस देने वाले टाटा स्काई ने इस बारे में स्पष्टीकरण देते हुए कहा था कि नमो टीवी 'हिंदी न्यूज़ चैनल' नहीं है.
यह एक विशेष सुविधा है जो इंटरनेट के माध्यम से मुहैया कराई जा रही है और इसके प्रसारण के लिए सरकारी लाइसेंस की ज़रूरत नहीं है.