एब्स्ट्रैक्ट:इमेज कॉपीरइटGetty Imagesराष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सह सरकार्यवाह की ओर से भाजपा अध्यक्ष अमित श
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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सह सरकार्यवाह की ओर से भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को लिखा गया एक कथित पत्र सोशल मीडिया पर इस दावे के साथ शेयर किया जा रहा है कि 'संघ ने भोपाल संसदीय क्षेत्र से प्रज्ञा सिंह ठाकुर की जगह किसी अन्य प्रत्याशी को टिकट देने की सिफ़ारिश की थी'.
सोशल मीडिया पर फ़ैल रहे इस पत्र पर संघ के सह सरकार्यवाह सुरेश सोनी के हस्ताक्षर हैं और '20 अप्रैल 2019' तारीख़ लिखी हुई है. लेकिन फ़ैक्ट चेक टीम ने अपनी पड़ताल में पाया कि ये पत्र फ़र्ज़ी है.
'साध्वी' प्रज्ञा सिंह ठाकुर जो कि मालेगांव ब्लास्ट केस में आज भी अभियुक्त हैं और मेडिकल ग्राउंड पर ज़मानत मिलने के बाद चुनावी मैदान में उतरी हैं, वो ख़ुद पर लगे सभी आरोपों को ग़लत बताती रही हैं. उनका इस वायरल पत्र में ज़िक्र किया गया है.
इमेज कॉपीरइटSM Viral PostImage caption कुछ वेबसाइट्स ने बुधवार को इस फ़र्ज़ी पत्र के आधार पर ख़बरें छाप दी थीं, जिन्हें बाद में हटा लिया गया
इस फ़र्ज़ी चिट्ठी में प्रज्ञा सिंह ठाकुर के लिए लिखा है, “भोपाल की महिला प्रत्याशी के शहादत के ख़िलाफ़ अनावश्यक बयानबाज़ी करने से पुलवामा हमले से जो राजनीतिक लाभ निर्मित किया गया था, वो अब समाप्त हो चुका है. इसलिए समय रहते प्रत्याशी बदलना ही उपयुक्त होगा.”
ख़ुद को राजस्थान और मध्यप्रदेश का बताने वाले बीबीसी के कुछ पाठकों ने व्हॉट्सऐप के ज़रिये बुधवार को यह चिट्ठी हमें भेजी थी और जानना चाहा था कि क्या पूर्व एटीएस चीफ़ पर दिए बयान के बाद प्रज्ञा सिंह ठाकुर के ख़िलाफ़ संघ ने ऐसी कोई चिट्ठी लिखी है?
इमेज कॉपीरइटWhatsApp'विफल प्रयास'
हमने संघ के सुरेश सोनी से इस पत्र के बारे में बात की तो उन्होंने कहा, “मुझे ये सूचना है कि मेरे नाम से एक पत्र सोशल मीडिया पर फैलाया जा रहा है. लेकिन मैं ये स्पष्ट कर देना चाहता हूँ कि मैंने ऐसा कोई पत्र नहीं लिखा. ये एक फ़र्ज़ी पत्र है. संघ के वरिष्ठ लोग ये जानकारी सार्वजनिक कर चुके हैं.”
इस फ़र्ज़ी चिट्ठी में संघ के नेताओं और अमित शाह के बीच ग्वालियर में हुई किसी कथित बैठक का भी ज़िक्र किया गया है.
संघ के अखिल भारतीय सह प्रचार प्रमुख नरेंद्र कुमार इस चिट्ठी पर आधिकारिक बयान दे चुके हैं. उन्होंने कहा था कि 'चुनाव में लाभ लेने के लिए इस प्रकार के फ़र्ज़ी पोस्ट सोशल मीडिया के माध्यम से प्रसारित करके कुछ असामाजिक तत्व समाज को भ्रमित करने का विफल प्रयास कर रहे हैं.'
इमेज कॉपीरइटSM Viral PostImage caption सोशल मीडिया पर आयकर विभाग के छापों के संदर्भ में RSS के सरकार्यवाह भैयाजी जोशी के नाम से ये फ़र्ज़ी पत्र फैलाया जा रहा था फ़र्ज़ी पत्र पहली बार नहीं
यह पहली बार नहीं है जब आरएसएस के नाम पर किसी फ़र्ज़ी चिट्ठी को सोशल मीडिया पर फैलाया जा रहा है.
नवंबर-दिसंबर में हुए राजस्थान और मध्यप्रदेश के विधानसभा चुनाव के दौरान भी हमें ऐसी ही एक चिट्ठी सोशल मीडिया पर शेयर होती मिली थी जिसे हमने फ़र्ज़ी पाया था.
इमेज कॉपीरइटSM Viral PostImage caption नवंबर-दिसंबर 2018 में RSS के नाम पर सर्कुलेट किया गया था ये फ़र्ज़ी पत्र
क़रीब दो हफ़्ते पहले भी सोशल मीडिया पर आयकर विभाग के छापों के संदर्भ में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह भैयाजी जोशी के नाम से एक पत्र फैलाया जा रहा था.
इस फ़र्ज़ी पत्र पर संघ को स्पष्टीकरण जारी करना पड़ा था.
छोड़िए ट्विटर पोस्ट @RSSorg
सोशल मीडिया में आयकर विभाग के छापों के संदर्भ में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह माननीय भय्याजी जोशी के नाम से जो पत्र प्रसारित हो रहा है वह भ्रम फैलाने के हेतु से जारी किया गया सत्य से परे और आधारहीन है। इस प्रकार का कोई भी पत्र संघ की ओर से जारी नहीं किया गया है।
— RSS (@RSSorg) 10 अप्रैल 2019
पोस्ट ट्विटर समाप्त @RSSorg
संघ के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से 10 अप्रैल को ये ट्वीट किया गया था, “भैयाजी जोशी के नाम से जो पत्र प्रसारित हो रहा है वो भ्रम फैलाने के लिए है और सत्य से परे है. इस प्रकार का कोई पत्र संघ की ओर से जारी नहीं किया गया है.”