एब्स्ट्रैक्ट:इमेज कॉपीरइटGetty Imagesएशियाई देश मलेशिया को करीब 20 करोड़ डॉलर अमरीका देने वाला है. ये धन मलेशिया
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एशियाई देश मलेशिया को करीब 20 करोड़ डॉलर अमरीका देने वाला है. ये धन मलेशिया के सरकारी विकास फ़ंड 1एमबीडी से जुड़ी संपत्ति के ज़ब्त किए जाने के बाद जमा किया जा रहा है.
अमरीकी अधिकारी अब तक मलेशिया को 5.7 करोड़ डॉलर दे चुके हैं. आरोप है कि हॉलीवुड की एक कंपनी ने फ़िल्मों में 1एमबीडी फ़ंड से लेकर ये पैसा लगाया था.
कथित तौर पर 1एमबीडी फ़ंड से पैसा लेकर मैनहैट्टन में खरीदी गई एक संपत्ति के बिकने के बाद अमरीका और 13.9 करोड़ डॉलर मलेशिया को देगा.
मलेशिया के सरकारी 1एमबीडी फ़ंड यानी 1मलेशिया डेवेलपमेन्ट बेर्हाड फ़ंड में से अरबों डॉलर ग़ायब हैं.
देश की अर्थव्यवस्था के विकास के लिए रणनीतिक तौर पर अहम निवेश को बढ़ावा देने के लिए साल 2009 में ये फ़ंड बनाया गया था.
लेकिन अमरीकी अधिकारियों का कहना है कि इस फ़ंड से करीब 4.5 अरब डॉलर निजी इस्तेमाल के लिए निकाले गए हैं और फिलहाल इस घोटाले की जांच चल रही है.
अमरीकी और मलेशियाई अभियोजकों के अनुसार इन निकाले गए पैसों का इस्तेमाल लग्ज़री घरों, निजी जेट विमान और कला ही महंगी वस्तुएं खरीदने के लिए किया गया है.
मंगलवार को मलेशिया के लिए अमरीकी दूत कमला शिरीन लखधीर ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स को बताया, “हमें इस बात की बेहद खुशी है कि न्याय विभाग की जांच के बाद पहली बार कुछ धन मलेशिया को वापिस किया जा रहा है. ये कदम दर्शाता है कि मलेशिया के लोगों की बेहतरी के लिए उनका पैसा उन्हें लौटाने के लिए अमरीका प्रतिबद्ध है.”
मलेशिया के अटॉर्नी जनरल टॉमी थोमस ने एक बयान जारी कर कहा है कि अब तक अमरीका से जो 5.7 करोड़ डॉलर मिले हैं उसका भुगतान अमरीकी फ़िल्म बनाने वाली कंपनी रेड ग्रेनाइट के साथ हुए समझौते के तहत किया गया है.
इमेज कॉपीरइटAFP/Getty ImagesImage caption क्वालालुंपुर हाईकोर्ट के सामने मलेशिया के पूर्व प्रधानमंत्री नजीब रज़्ज़ाक
जानी मानी फ़िल्म 'द वूल्फ़ ऑफ़ वॉल स्ट्रीट' के अधिकारों के सिलसिले में फ़िल्म कंपनी और अमरीकी सरकार के बीच एक सिविल मुकदमा चला था. रॉयटर्स के अनुसार अमरीकी अधिकारियों का कहना है कि इस फ़िल्म में 1एमबीडी फ़ंड के पैसे का इस्तेमाल किया गया था.
2009 में देश के विकास में निवेश के लिए मलेशिया के पूर्व प्रधानमंत्री नजीब रज़्ज़ाक ने 1एमबीडी फ़ंड बनाया थ. लेकिन जल्द ही 2015 में बैंक और कर्ज़ा देने वालों को पैसे लौटाने में नाकामी के कारण इस पर सवाल उठने लगे.
नजीब रज़्ज़ाक पर भ्रष्टाचार से जुड़े 40 आरोप लगाए गए हैं और उन पर फिलहाल कोर्ट में मुकदमा चलाया जा रहा है. खुद पर लगे आरोपों से वो इनकार करते रहे हैं.
उन पर इस फ़ंड से 68.1 करोड़ डॉलर क हेरफेर करने का आरोप है. अभियोजकों का कहना है कि आलीशान जीवनशैली के लिए ये पैसा खर्च किया गया है.
पूर्व प्रधानमंत्री के साथ-साथ उनकी पत्नी रोसमा मंसूर पर भी भ्रष्टाचार के आरोप हैं.