एब्स्ट्रैक्ट:Image caption रुक्मिणी रणसिंघे और मंगेश रणसिंघे महाराष्ट्र के अहमदनगर में परनेर तालुक़ा के निक्सोज ग
Image caption रुक्मिणी रणसिंघे और मंगेश रणसिंघे
महाराष्ट्र के अहमदनगर में परनेर तालुक़ा के निक्सोज गाँव में अंतरजातीय विवाह के मामले में ज़िंदा जलाने पर अब एक नया बयान सामने आ आया है.
पुलिस की शुरुआती जांच में एक बयान के आधार पर 19 साल की रुक्मिणी और उनके पति मंगेश के ज़िंदा जलने में पति पर ही संदेह जताया जा रहा है.
रुक्मिणी रणसिंघे और मंगेश रणसिंघे की मौत ज़िंदा जलने से हुई थी. दोनों को पुणे के एक हॉस्पिटल में भर्ती किया गया था लेकिन इन्हें बचाया नहीं जा सका था.
मंगेश के भाई महेश ने सेक्शन 307 और 34 के तहत पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी. आख़िरी सांस लेने से पहले रुक्मिणी ने बयान में पुलिस से कहा था कि उनके पिता और रिश्तेदारों ने आग के हवाले किया था.
पुलिस ने इस शिकायत के आधार पर रुक्मिणी के चाचा और मामा को गिरफ़्तार किया था. पुलिस ने सेक्शन 302 के तहत मामला दर्ज किया है. पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि क्या यह अंतरजातीय विवाह के कारण हुआ है?
Image caption महेश रणसिंघे
रुक्मिणी के मामा राम भरतीया को सात मई को गिरफ़्तार किया गया था. जब यह घटना हुई तो रुक्मिणी के तीन भाई मौजूद थे. पुलिस ने इन तीनों भाइयों में से एक से पूछताछ की है.
एक भाई ने कहा है, ''मंगेश ने ख़ुद ही रुक्मिणी को आग के हवाले किया था.'' इस बयान के बाद पुलिस इस एंगल से भी जांच कर सकती है.
जिस भाई का यह दावा है वो नाबालिग़ है और उसके दावे से जांच की दिशा नहीं बदल सकती है. इस मामले के प्राथमिक जांच अधिकारी विजय कुमार बोतरे का कहना है कि जांच में सभी पहलुओं को शामिल किया जाएगा. रुक्मिणी और मंगेश की शादी छह महीने पहले हुई थी. रुक्मिणी के परिवार वाले इस शादी के ख़िलाफ़ थे लेकिन मंगेश के परिवार वालों को इस रिश्ते से कोई दिक़्क़त नहीं थी.
रुक्मिणी की माँ निर्मला भरतीया ने बीबीसी मराठी से मंगलवार को कहा था, ''मंगेश रुक्मिणी को मारता था इसलिए हमने उसे भेजने से मना कर दिया था. इसी वजह से लड़ाई हुई. मंगेश हमलोग के घर आया तो हमलोग घर पर नहीं थे. जब हमलोग घर पर आए तो देखा कि रुक्मिणी जल रही थी.''
निर्मला ने कहा, ''हमलोग इस शादी के ख़िलाफ़ थे. रुक्मिणी ने ज़िद कर शादी की थी. रुक्मिणी का कहना था कि मंगेश के बिना वो ज़िंदा नहीं रह सकती है. लेकिन जब वो शादी के बाद लौटी तो उसने कहा कि मंगेश उसे पीटता था.''
ख़ामोश पड़ोसी
रुक्मिणी के पड़ोसी संजय बालिद का कहना है, ''मेरा घर रुक्मिणी के घर के पास में ही है. मैं तब घर के भीतर था तभी दोपहर में किसी के चीखने की आवाज़ आई. मैं तत्काल घर से बाहर निकला और आग वाले कमरे की तरफ़ दौड़ा. दरवाज़ा बंद था. मैंने दरवाज़ा तोड़ दिया और एम्बुलेंस के लिए फ़ोन किया.'' संजय का कहना है कि तब वहाँ रुक्मिणी के भाई मौजूद थे.
बाक़ी पड़ोसियों ने इस मामले में चुप्पी साध रखी है. अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सागर पाटिल भी इस मामले की तहक़ीक़ात कर रहे हैं. इस मामले की जांच में कई पुलिस अधिकारियों ने गाँव में डेरा डाल रखा है. इस मामले की जांच डीएसपी मनीष कलवानिया के नेतृत्व में हो रही है.
मंगेश के भाई महेश ने इस आरोप को झूठा बताया है कि रुक्मिणी को आग के हवाले मंगेश ने किया था. महेश का कहना है कि मंगेश और रुक्मिणी एक दूसरे को बहुत प्रेम करते थे. महेश ने इस मामले में इंसाफ़ की मांग की है. महेश का कहना है कि 6 साल के बच्चे के बयान के आधार पर जांच की दिशा कैसे बदल सकती है?
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