एब्स्ट्रैक्ट:इमेज कॉपीरइटGetty Imagesक़ानूनी तौर पर अमरीका में रह रहे आप्रवासियों के लिए वीज़ा अवधि बढ़ाने और स्थ
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क़ानूनी तौर पर अमरीका में रह रहे आप्रवासियों के लिए वीज़ा अवधि बढ़ाने और स्थायी नागरिकता पाने (यानी ग्रीन कार्ड) की प्रक्रिया को डोनल्ड ट्रंप प्रशासन और मुश्किल बनाने जा रहा है.
इस बदलाव से सरकारी सुविधाओं पर एक साल से ज़्यादा समय तक आश्रित रहने वाले आप्रवासी प्रभावित होंगे.
सरकार ने आप्रवासन से जुड़े नए नियमों की घोषणा की है जिसके अनुसार उन आप्रवासियों के आवेदन स्वीकार नहीं किए जाएंगे जो भविष्य में अमरीका सरकार की सेवाओं या योजनाएं पर आश्रित हो सकते हैं.
व्हाइट हाउस ने कहा कि “अमरीकी नागरिकों के हितों की रक्षा के लिए ज़रूरी है कि देश में आने वाले आप्रवासी आत्मनिर्भर हों.”
अधिकारियों के अनुसार ये नियम “स्वावलंबन की मूल्यों” को और पुख्ता करेंगे.
ट्रंप प्रशासन के नए नियमों का असर कम आमदनी वाले भारतवंशियों पर भी पड़ सकता है.
अंग्रेज़ी जानना महत्वपूर्ण होगा
अमरीकी नागरिकता और आप्रवासन सेवा के कार्यवाहक निदेशक केन कूच्चिनेली ने सोमवार को एक संवाददाता सम्मेलन में इन नियमों की घोषणा की.
उन्होंने कहा कि “ग्रीन कार्ड के लिए आवेदक की वित्तीय स्थिति, शिक्षा, आयु और उसके अंग्रेज़ी की जानकारी के स्तर को आधार मानकर फ़ैसला लिया जाएगा. किसी एक मानदंड को आधार मानकर मामले पर विचार नहीं होगा.”
सोमवार को फेडरल रजिस्टर में 'पब्लिक चार्ज रूल' नाम के ये नए नियम प्रकाशित हुए हैं. नए नियम इसी साल 15 अक्तूबर से लागू हो जाएंगे.
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नियम का असर किस पर पड़ेगा?
बताया जा रहा है कि वो आप्रवासी जिन्हें पहले से ही अमरीकी नागरिकता मिल गई है उन पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा.
साथ ही ये शरणार्थियों या शरणार्थी शिविर में रहने वालों पर भी ये नए नियम लागू नहीं होंगे.
लेकिन वीज़ा बढ़ाने के संबंध में किए जाने वाले आवेदनों, ग्रीन कार्ड या फिर अमरीकी नागरिकता पाने के लिए किए जाने वाले आवेदनों पर ये नियम लागू होंगे.
इस नए नियम के तहत, वे लोग जिनकी आय ज़रूरी मानदंड के अनुरूप नहीं होगी या फिर जो सरकारी मदद जैसे खाद्य मदद, सरकारी अस्पतालों या फिर सरकारी घरों की उम्मीद करेंगे उनके उन्हें भविष्य में अमरीका में प्रवेश करने की इजाज़त मिलना मुश्किल हो सकता है.
मौजूदा वक्त में अमरीका में रहने वाले सरकारी सुविधाओं पर निर्भर रहने वाले आप्रवासियों के आवेदन के खारिज होने की भी संभावनाएं हैं.
छोड़िए ट्विटर पोस्ट @WhiteHouse
.@USCISCuccinelli: “President Trump's Administration is reinforcing the ideals of self-sufficiency and personal responsibility, ensuring that immigrants are able to support themselves and become successful here in America.” pic.twitter.com/gb1OKdMmj7
— The White House (@WhiteHouse) 12 अगस्त 2019
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एक अनुमान के अनुसार अमरीका में कानूनी तौर पर 2.2 करोड़ लोग हैं जिनके पास वहां की नागरिकता नहीं है. माना जा रहा है कि उन पर भी नए नियम का असर होगा.
हो रहा है ट्रंप का विरोध
वहीं मानवाधिकार समूहों ने ट्रंप प्रशासन के इस फैसले की आलोचना की है. उनका कहना है कि ये नियम कम आय करने वाले आप्रवासियों को रोकने का कोशिश है.
नेशनल इमिग्रेशन लॉ सेन्टर का कहना है कि इस नियम को लागू होने से रोकने के लिए वो ट्रंप प्रशासन के ख़िलाफ़ अदालत का रुख़ करेंगी.
इधर व्हाइट हाउस का कहना है कि प्रवासन से जुड़े मौजूदा कानून उन लोगों को अधिक तवज्जो देते हैं जिनके रिश्तेदार अमरीका में रहते हैं, लेकिन उन्हें अधिक महत्व नहीं दिया जाता “जो आत्मनिर्भर हैं और सरकारी सुविधाओं पर अधिक दबाव नहीं डालते.”
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इसी साल मई में ट्रंप ने प्रवासन से जुड़ा एक प्रस्ताव दिया था जिसमे कहा गया था कि आप्रवासियों का चुनाव उनके कौशल के आधार पर होना चाहिए और युवा, बेहतर शिक्षित और अंग्रेज़ी जानने वाले आप्रवासियों देश में आने की इजाज़त दी जानी चाहिए.
ट्रंप 2017 में ग्रीन कार्ड लॉटरी कार्यक्रम नाम से जाने जाने वाले डाइवर्सिटी वीज़ा लॉटरी प्रोग्राम की आलोचना कर चुके हैं जिसके तहत अमरीका 50,000 आप्रवासियों को स्थायी नागरिकता प्रदान करता है.
ट्रंप का कहना था कि वो योग्यता के आधार पर एक नई व्यवस्था चाहते हैं.